दोस्तों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने नए साल के पहले दिन एक नए मिशन की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत एक्स-रे पोलेरिमीटर एक्सपोसैट (XPoSat) नामक उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया है। यह उपग्रह ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स पर रिसर्च करेगा।
XPoSat उपग्रह में दो एक्स-रे कैमरे लगे हैं। ये कैमरे ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स से निकलने वाले एक्स-रे विकिरण को मापेंगे। इस जानकारी से वैज्ञानिकों को इन खगोलीय पिंडों की संरचना और व्यवहार के बारे में बेहतर समझने में मदद मिलेगी।
XPoSat उपग्रह की सफल लॉन्च से इसरो की अंतरिक्ष खोज में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। इससे पहले, इसरो ने चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 जैसे महत्वपूर्ण मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
XPoSat के साथ कई अन्य उपग्रह ब्लैक होल का अध्ययन करेंगे
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक्सपोसैट उपग्रह के साथ सात अन्य उपग्रहों को भी प्रक्षेपित किया है। ये उपग्रह एक्सपोसैट की मदद करेंगे ताकि वह ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स के बारे में अधिक जानकारी एकत्र कर सके।
इन उपग्रहों में शामिल हैं:
- रेडिएशन शील्डिंग एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल (RSEM): यह उपग्रह एक्सपोसैट को अंतरिक्ष विकिरण से बचाने में मदद करेगा।
- बिलीफसैट: यह उपग्रह एक्सपोसैट को अंतरिक्ष में नेविगेट करने में मदद करेगा।
- ग्रीन इम्पल्स ट्रांसमीटर: यह उपग्रह एक्सपोसैट को पृथ्वी से संचार करने में मदद करेगा।
- लॉन्चिंग एक्सपीडिशंस फॉर एस्पायरिंग टेक्नोलॉजीस टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर (LET): यह उपग्रह विभिन्न नई प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करेगा।
- रुद्र 0.3 एचपीजीपी और आर्का 200: ये उपग्रह एक्सपोसैट को अंतरिक्ष में अन्य उपग्रहों के साथ संचार करने में मदद करेंगे।
- डस्ट एक्सपेरिमेंट: यह उपग्रह अंतरिक्ष में धूल के कणों का अध्ययन करेगा।
- फ्यूल सेल पावर सिस्टम और सिलिकॉन आधारित उच्च ऊर्जा सेल: ये उपग्रह एक्सपोसैट को बिजली प्रदान करेंगे।
इन उपग्रहों के प्रक्षेपण से भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमता में एक बड़ी वृद्धि हुई है। यह मिशन ब्रह्मांड की समझ में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
ब्लैक होल क्या है?
ब्लैक होल एक ऐसी खगोलीय वस्तु है, जिसका गुरुत्वाकर्षण बल इतना शक्तिशाली होता है कि प्रकाश भी उससे बच नहीं सकता। इसे अंतरिक्ष का सबसे रहस्यमय और खतरनाक पिंड माना जाता है।
ब्लैक होल का जन्म तब होता है जब कोई तारा अपने जीवन के अंत में समाप्त हो जाता है। जब तारा के अंदर का सारा ईंधन समाप्त हो जाता है, तो वह सिकुड़ने लगता है। अंत में, इसका गुरुत्वाकर्षण बल इतना शक्तिशाली हो जाता है कि यह अपने आप को पूरी तरह से सिकोड़ लेता है और एक बिंदु में बदल जाता है। इस बिंदु को “घटना क्षितिज” कहा जाता है।
दोस्तों, अगर आपको ब्लैक होल के बारे में जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट करके हमें जरूर बताये। धन्यवाद।
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