What Is Internet Of Things: Know What Is Internet Of Things, How Does It Work In Hindi

Editorial Staff
7 Min Read
What is internet of things: janiye kya hai internet of things

What is internet of things: देश और दुनिया में दिन-ब-दिन तकनीक का विकास तेजी से हो रहा है. ज्यादातर लोगों के पास वर्तमान समय में स्मार्टफोन है और स्मार्टफोन की वजह से जिंदगी भी काफी आसान हो चुकी है. वहीं इंटरनेट के जरिए लोग कुछ ही मिनटों में  हजारों किलोमीटर दूर बैठे व्यक्ति से संपर्क कर सकते हैं. ऐसे में इंटरनेट से जुड़े कुछ ऐसे भी टॉपिक होते हैं, जो काफी चर्चा में रहते हैं. इन्हीं में से एक है इंटरनेट ऑफ थिंग्स (internet of things). अक्सर आप इस शब्द को सुनते रहते होंगे लेकिन क्या कभी आपने सोचा है. इस शब्द का हमारी लाइफ में क्या महत्व है. अगर नहीं तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे में ही संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं, जानेंगे कि यह कैसे काम करता है और इसकी शुरुआत कब हुई थी.

Also Read: What Is QR Code, How To Make Or How To Scan In Hindi?

क्या है इंटरनेट ऑफ थिंग्स (What is internet of things)

तकनीक के बढ़ते क्रम में इंटरनेट ऑफ थिंग्स भी तकनीक का ही एक हिस्सा है. जिसमें गैजेट्स को नेटवर्किंग के माध्यम से एक दूसरे के साथ कनेक्ट किया जाता है और इसे ही इंटरनेट ऑफ थिंग्स का नाम दे दिया जाता है. इस तकनीक के जरिए जितने भी गैजेट्स आपस में जुड़े रहते हैं और डाटा का आदान प्रदान करते हैं. उन्हीं के बीच जो भी इंटीग्रेशन होता है. उसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स के नाम से जाना जाता है.इसको और आसान भाषा में समझे तो यह एक तरीके का कांसेप्ट है. जिसके अंतर्गत अगर दुनिया की सारी चीजों को एक क्रम में लाया जाए और उन्हें इंटरनेट से कनेक्ट कर दिया जाए तो यह टेक्नोलॉजी ही internet of things कहलाती है.

internet of things की शुरुआत

इंटरनेट ऑफ थिंग्स सबसे पहली बार 1999 में चर्चा में आया था लेकिन आज भी बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं. इस शब्द को सबसे पहले कंप्यूटर वैज्ञानिक kevin ashton के द्वारा  पेश किया गया था और उस समय इन्होंने इस पर कई सारी रिसर्च भी पेश की थी.आज के समय में इंटरनेट ऑफ थिंग्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से काफी ज्यादा चर्चा में रहता है क्योंकि Artificial intelligence भी कहीं ना कहीं internet of things के अंतर्गत ही आता है. बता दें कि, इंटरनेट ऑफ थिंग्स 1981 में द कंप्यूटर ऑफ द 21 सेंचुरी के साथ इस मॉडल को उपलब्ध करवाया गया था. इसके बाद इस एडवांस टेक्नोलॉजी का निरंतर विकास होता गया और वर्तमान समय में यह एक बहुत जरूरी और पॉपुलर टेक्नोलॉजी के रूप में हमारे सामने काम कर रही है.

Also Read: What Is The Unit Trust Of India In Hindi

internet of things की मुख्य विशेषताएं

जैसा हमने पहले बताया internet of things इंटरनेट का ही एक छोटा सा स्वरूप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बहुत सारा डाटा एक साथ संग्रहित किया जाता है. इस एल्गोरिदम पर काम करने वाली इस टेक्नोलॉजी को ही इंटरनेट ऑफ थिंग्स के नाम से जानते हैं. इसके अलावा इंटरनेट ऑफ थिंग्स के अंतर्गत कनेक्टिविटी और सेंसस को भी ऐड किया जाता है.

इसमें एक्टिव इंगेजमेंट यानी कनेक्टेड तकनीक के साथ अधिकांश लोगों या गैजेट्स की सहभागिता भी इसमें शामिल करी जाती है. यह कमाल की टेक्नोलॉजी सेंसर डिवाइस पर आधारित काम करती है. कनेक्टिविटी डाटा प्रोसेसिंग यूजर इंटरफेस के अंतर्गत भी यह बढ़िया तरीके से काम करने में सक्षम है. बता दें कि, इस एल्गोरिदम में कनेक्टिविटी के अंतर्गत मोबाइल या सेटेलाइट ब्लूटूथ वाईफाई डब्ल्यूएएन आदि शामिल किए जा सकते हैं. वही डाटा प्रोसेसिंग के तहत कुछ सॉफ्टवेयर्स को इसमें जोड़ा जा सकता है.

internet of things हमारे लिए क्यों है जरूरी

आपके दिमाग में एक सवाल आ रहा होगा कि आखिर internet-of-things से हमारी जिंदगी में क्या फायदा है. इसे आप उदाहरण के तौर पर समझ सकते हैं, बीते दिनों एक सॉफ्टवेयर मार्केट में आया. जिसका नाम है चैट जीपीटी और इसको आज लगभग करोड़ों लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. ठीक उसी तरीके से इंटरनेट ऑफ थिंग्स टेक्नोलॉजी भी हमारी जिंदगी को बेहद आसान बनाती है. यह टेक्नोलॉजी हमें ऐसे अवसर प्रदान करती है, जिसके जरिए हम बड़े-बड़े टास्क को बहुत जल्दी और कम समय में निपटा सकते हैं.

उदाहरण के लिए पार्किंग स्पेस खोजना, इंटरटेनमेंट के लिए सिस्टम को लिंक करना या एलेक्सा के माध्यम से गाने चलवाना वगैरा-वगैरा इसके द्वारा काम किए जा सकते हैं. इसके साथ ही आपकी जानकारी के लिए बताते चले केंद्र सरकार ने साल 2014 में इंटरनेट ऑफ थिंग्स के स्वरूप को जारी किया था और डिजिटल इंडिया बनाने के क्रम में यह पहला कदम माना गया था.

Also Read: The Way To Start Sweet Shop Business in Hindi

internet of things को लेकर भारत में क्या है मत

बता दें कि, भारत में इंटरनेट ऑफ थिंग्स को लेकर इतनी जागरुकता नहीं है, जितना वेस्टर्न देशों में देखने को मिलती है लेकिन धीरे-धीरे लोगों को इस टेक्नोलॉजी से परिचित किया जा रहा है. इसी क्रम में ज्यादातर लोग आजकल चैट जीपीटी के जरिए अपनी नॉलेज को एनहांस कर रहे हैं. उदाहरण के लिए 7 बिलियन से भी अधिक डिवाइस इस समय दुनिया में है लेकिन ज्यादातर डिवाइस सुरक्षित नहीं है. इन्हें सुरक्षित करने के लिए यह टेक्नोलॉजी बेहद काम की साबित हो सकती है. रिपोर्ट में दावा किया जाता है कि यह टेक्नोलॉजी ठगी से बचने में भी कारगर साबित हो सकती है. उम्मीद है आपको internet of things के बारे में दी गई ये जानकारी उपयोगी लगी होगी.

Share This Article
2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *