What Is Cibil Score In Hindi

Editorial Staff
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What Is Cibil Score In Hindi

CIBIL Score: अक्सर आपने एक चीज नोटिस की होगी जब कोई व्यक्ति लोन के लिए अप्लाई करता है तो सबसे पहले उसके सिबिल स्कोर (CIBIL Score) को देखा जाता है. सिबिल स्कोर को हम अपने आस पास कई सारे लोगों के मुंह से सुनते रहते हैं लेकिन असल में सिबिल स्कोर होता क्या है और इसके हमारे लोन लेने पर क्या प्रभाव पड़ते हैं.

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इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर सिबिल स्कोर होता क्या है. (What is CIBIL Score ) इसे काउंट करने के क्या-क्या पैरामीटर्स होते हैं. वहीं कितना CIBIL Score एक नॉर्मल ग्राहक के लिए सही माना जाता है. आज के इस पोस्ट में हम आपको इन सारी चीजों के विस्तार से जवाब देने वाले हैं. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद सिबिल स्कोर के बारे में आपके सारे क्वेश्चंस दूर हो जाएंगे. साथ ही आपके मन में जितने भी सवाल है. उनके आपको विस्तार पूर्वक जवाब मिल जाएंगे तो चलिए आपको इसकी डिटेल में जानकारी दे देते हैं.

सिबिल स्कोर क्या है (What is CIBIL Score )

आमतौर पर आप सिबिल स्कोर को पिछले हिसाब किताब का एक निचोड़ मान सकते हैं. अगर आप पिछले हिसाब किताब में पर्फेक्ट होते हैं तो आपका सिबिल स्कोर सही होता है लेकिन आप पिछले लोन या किसी भी चीज में उसको टाइम पर नहीं देते हैं तो आपका सिबिल स्कोर खराब होता है. आपने एक चीज का अनुभव किया होगा जब आप लोन के लिए किसी बैंक बगैरा में अप्लाई करते हैं तो आपके CIBIL Score को मुख्य तौर पर देखा जाता है.

अगर आपका CIBIL Score सही नहीं होता है तो आपकी एप्लीकेशन को कैंसिल कर दिया जाता है. ऐसे में बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर CIBIL Score को सही कैसे किया जाए. CIBIL Score अकाउंट करने के लिए कंपनियां व्यक्तियों के कमर्शियल और तरह-तरह के लेनदेन के भुगतानों का रिकॉर्ड जुटाती हैं और जिन ग्राहकों का रिकॉर्ड सही होता है. उनका सिबिल स्कोर अच्छा हो जाता है. वहीं जिन ग्राहकों का रिकॉर्ड खराब होता है. उन्हें इसे लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. आमतौर पर यह जो कंपनियां होती हैं. क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट के आधार पर आपका सिबिल स्कोर तैयार करती हैं. जितना ज्यादा सिविल स्कोर होता है. उतने ही लोन मिलने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।

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कैसे अकाउंट किया जाता है आपका सिबिल (How to Count Cibil Score)

अब आपके दिमाग में ख्याल आ रहा होगा कि आखिरी सिबिल स्कोर काउंट करने का तरीका क्या होता है तो आपको बता दें, इसको काउंट करने में कई सारे फैक्टर काम करते हैं. उदाहरण के लिए हम मान लेते हैं किसी ने किसी बैंक का एक क्रेडिट कार्ड लिया है. जिसकी मंथली लिमिट 50,000 के आस पास है और वह एक महीने में इन पैसों को कहीं भी अपनी जरूरतों के हिसाब से खर्च कर देता है तो उस कस्टमर को इन 50,000 को एक महीने बाद भरना होता है. इसको क्रेडिट कार्ड बिल के तौर पर जाना जाता है.

अगर ग्राहक ऐसा नहीं करता है तो इसका उसके सिबिल स्कोर पर बहुत बुरा असर पड़ता है. यही वजह है उसका सिबिल स्कोर भी धड़ाम से नीचे आ जाता है. एक और उदाहरण से समझे तो मान लीजिए आपने किसी फोन पर फाइनेंस कराया हुआ है और उस फोन की 6 महीने की किस्त बैंक के द्वारा बांधी गई है. अगर आप समय पर उन किस्सों को भर देते हैं तो आपका सिबिल स्कोर एकदम जबरदस्त बन जाता है अगर आप टाइम पर ईएमआई नहीं भरते हैं तो आपका CIBIL Score खराब हो जाता है. आपको भविष्य में लोन लेने में बहुत दिक्कत होती है.

सिबिल स्कोर अच्छा होने के फायदे(Banefits of Good Cibil Score)

जिन ग्राहकों का सिबिल स्कोर अच्छा होता है. उन ग्राहकों को बैंकों के द्वारा तमाम सारे ऑफर प्रदान किए जाते हैं. आमतौर पर जिन ग्राहकों का CIBIL Score अच्छा होता है. उन्हें बैंक की तरफ से क्रेडिट कार्ड भी ऑफर किए जाते हैं. जितना अच्छा आपका CIBIL Score होता है. उतनी ही लिमिट का आपको क्रेडिट कार्ड पर बैंक के द्वारा ऑफर कर दिया जाता है. वहीं CIBIL Score अच्छा होने पर जब आप किसी बैंक में लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो आपके लोन मिलने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. साथ ही अमाउंट भी आपको बढ़ा कर दिया जा सकता है.

कैसे सुधारें अपना सिबिल स्कोर(How to Improve CIBIL Score )

अब आपको बताते हैं कि आखिर आप सिबिल स्कोर कैसे सुधार सकते हैं तो आपको इसके लिए अपने लेन देन को अनुशासन में लाना होता है. आपको इसके लिए अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) बनानी होती है. जब आप समय पर लोन देते रहेंगे या किस्त भरते रहेंगे तो यह अपने आप सुधर जाता है. आप होम लोन, ऑटो लोन, प्रीमियम पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड का बिल आदि का समय पर भुगतान करते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलता है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप का क्रेडिट स्कोर (Credit Score) जितना है. उससे भी काफी कम हो जाता है.

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कितना होना चाहिए सिबिल स्कोर(What is good CIBIL Score)

आमतौर पर सिबिल स्कोर के बारे में जानकार मानते हैं कि अगर आप किसी भी चीज का 6 से 8 महीने तक समय पर भुगतान करते हैं तो आपके सिबिल स्कोर में बदलाव आने लगता है और आपकी सिबिल स्कोर की स्थिति भी सुधरने लगती है लेकिन आपको इस दौरान ध्यान देना है कि जब आप किसी भी चीज की ईएमआई भर रहे होते हैं तब आपको क्रेडिट कार्ड की लिमिट को नहीं बढ़ाना है.

वहीं सिबिल स्कोर की बात करें तो इसकी गणना 300 से 900 अंकों के बीच तक की जाती है और  आमतौर पर 800 से अधिक अंक वाले ग्राहकों का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है. वहीं जो लोग 750 के आसपास होते हैं. उन्हें भी लोन के चांसेस ज्यादा मिलते हैं. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि हर व्यक्ति का हर महीने से सिबिल स्कोर चेंज होता रहता है. वहीं आमतौर पर आप को मेंटेन करने के लिए कम से कम 750 अंक तो रखने ही चाहिए. 750 पर आप किसी भी बैंक में लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. उम्मीद करते हैं आपको सिबिल स्कोर के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी

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