Train का अविष्कार किसने किया था ?

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स्वागत है आप सभी को हमारे और एक शानदार ब्लॉग में आज हम बात करने वाले है Train ka Avishkar kisne kiya था और Rail Engine का अविष्कार किसने किया था से लेके हम आज हम train के पुरे इतिहास के बारेमें बी बात करेंगे । 

आज के समय में हर कोई train के बारेमें जनता है और train में सफर बी करता है । आज के समय में लोगों को train में सफर करना बोहोत है आसान और सलव रास्ता है ।

अगर आप नहीं जानते है तो में आपको बाटाडू की हमारे देश में पुरे दुनिया की तुलना में सबसे ज्यादा ट्रैन चलते है और हमारे देश में करीबन 7,349 trains आपको देखने केलिए मिलते है जो बोहोत ज्यादा है दूसरे देशों के तुलना में ।

और आपको जानकारी केलिए बतादें की दुनिया का सबसे बड़ा railway station का नाम है Nagoya Station जो की Japan में है । और हमारे देश की अगर बात करे तो भारत का सबसे बड़ा railway station का नाम है Gorakhpur Junction जो की उत्तर प्रदेश राज्य में देखने केलिए मिलते है ।

ये सब आज कहीं ना कहीं train चलने की वजह से हो पा रहे है कोई दुनिया का बड़ा train है तो कहीं दुनिया का सबसे बड़ा railway station है, तो चलिए फिर बिना कोई समय गवाए जानते है train ka avishkar kisne kiya था और Rail Engine का अविष्कार किसने किया था ।

Train ka avishkar kisne kiya ?

train ka avishkar kisne kiya

Train की hindi meaning है रेलगाड़ी सायद आप सभीको इसके बारेमें पहले से पता होगा । अगर हम बात करे ट्रैन  का अविष्कार किसने किया था तो सबसे पहले नाम आता है Richard Trevithick जो की 18 फेब्रुअरी सं 1804 को और वो United kingdom की एक जाने मने इंजीनियर थे ।

वो सबसे पहले भाप इंजन से रेल गाडी का आविष्कार किये थे फिर कुछ कारन के वजह से वो असफल हुए थे और उसके बाद कही सारे इंजीनियर आये और ट्रैन की पीढ़ी को आगे बढ़ने की कोसिस की । फिर कुछ सैलून बाद 27 सितम्बर 1825 को George Stephenson ने पहली बार एक सफल ट्रैन का आविष्कार किया था और उसी ट्रैन का नाम लोकोमशन रखा था । और इसी पहली ट्रैन की गति करीबन 24 किलोमीटर प्रति घंटा थी ।

अगर हम बात करे इसके इतिहास की तो ट्रैन यानि रेलगाड़ी का अविष्कार किसने किया था ये एक प्रकार का रहस्य जैसे होक है सठिक जानकारी मिलना थोड़ा सा मुश्किल बी है । पर अगर बात करे ट्रैन बनने की तो इसको बनाने केलिए कई सदिये से लोग लगे हुए थे तब जाके आज के समय में आप इतने बिकसित ट्रैन आपको देखने केलिए मिलते है ।

अगर बात करे पुरे सुरुवात की समय की तो सबसे पहले आपको Steam Power को लाया गया ट्रैन को चलने केलिए James Watt जो की भाप चलने वाली मशीन का निर्माण किये थे । वो खास करके पानी को गर्म करके वहां से जो भाप निकलता था उसके जरिये वो वो मशीन को चला रहे थे और 1769 में James Watt ने और एक steam machine बनाये जिसमे छक्के ( Wheel ) को लगा सके ।

फिर कुछ सालों बाद Electric Power में चलने लगे ट्रैन और पहली बार Robert Devidson ने इलेक्ट्रिक लोकोमेटिव इंजन बनाये थे सं 1837 में । फिर आगे चलके इसमें और बिकसित किया गया जिसमे की खर्चा काम हो और ज्यादा दूर तक जाके इसके लिए सं 1888 में डीजल में चलने वाले मशीन बनाया गया और फिर धीरे धीरे करके इसका इस्तमाल किया गया ।

और आज के समय में आपको बोहोत प्रकार के ट्रैन देखने केलिए मिलते है उनमे ज्यादातर ट्रैन इलेक्ट्रिक पावर से और डीजल से चलने वाले देखने केलिए मिलते है ।

Bharat में ट्रैन की इतिहास

अगर हमारे देश में ट्रैन चलने की बात किया जाये तो सबसे पहले सं 1853 में अप्रैल 16 तारीख को हमारे देश में पहली बार passanger train चली थी बुरी बुंदेर से थाने तक एक जगह तक जो की मुंबई दोनों जगह थे और पहली बार इसी ट्रैन चली थी 34 km तक ।

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फिर कुछ सालों बाद हमारे देश के इंजीनियर ने इसको बिकसित करके 2000 फ़ीट के उचाई पर पटरी बनाये थे जो की tunnels के जरिये होक था वो पटरी मुंबई से लेके पुने तक किया गया था । 

भारत का पहला railway workshop सं 1862 में जमालपुर, मंगल सहर के पास राज्य बिहार में बनाया गया था । फिर चलके हमारे देश में बाकि जगह में railway station बनना सुरु हुआ दिल्ली में 1864 में पहली बार railway staion बना था और फिर Kolkatta में बना था ।

और आज के समय में तो आपको हमने बता दिए है करीबन 7,349 ट्रेंस चलते है पुरे इंडिया में । और उनमे से सबसे बड़ा और लम्बा ट्रैन का नाम है Dibrugarh-Kanyakumari Vivek Express जो की 4,273 km तक चलती है और इसे पूरा करने केलिए 85 घंटे लगते है ।

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