computer hindi कंप्यूटर क्या हैं ?
कंप्यूटर के इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र हे जो दिए गए डाटा के हिसाब से काम करता हे और डाटा को स्टोर करने केलिए इस्तेमाल किया जाता हे ।
कंप्यूटर के ऊपर पुरे गहराई से जानने से पहले चलिए जान लीजिये और क्या क्या आप जानने वाले हो । यहाँ आप सबसे पहले कंप्यूटर क्या हे , कंप्यूटर के इतिहास के बारेमे , कंप्यूटर के प्रकार के ऊपर और कंप्यूटर कैसे हमारे जीबन काम आ रही हे उसके ऊपर आपको बिस्तर रूप से जानकारी मिलेगी ।
यहाँ हम पूरी कोसिस करेंगे कंप्यूटर के ऊपर जितना हो सके ऊपर बताई गयी चीजों को जितना हो सके उतना कोभर करने की करेंगे , पूरा सुरुवात से लेखर आखरी तक हम यहाँ आपको जानकारी देंगे आपको , उम्मीद करता हे ये जैसे ही आप ख़तम करेंगे आपको पूरी जानकारी कंप्यूटर के बारेमे अच्छी तरह से पता चल चुकी होगी । तो चलिए बिना देरी करते हुआ पढ़ना सुरु कीजिये ।
कंप्यूटर क्या हैं – computer hindi
“Computer एक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को संपादित करते है. और ज्यादा कहे तो Computer एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो इनपुट उपकरणों की मदद से आँकडों को स्वीकार करता है उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकडों को आउटपुट उपकरणों की मदद से सूचना के रूप में प्रदान करता है.”
कंप्यूटर की नाम सुनते ही आपके दिमाग में करोड़ों की चिंता धराये चलती और साथ ही साथ ढेर सरे चाबियाँ आपके दिमाग में आ जाती हे जैसे की एक स्क्रीन , माउस , लैपटॉप , CPU , और बी जैसे प्रिंटर और ढेर सारा चीज , ठीक उसी तरह कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र हे जो एक सेकंड के समय पे ढेर सारा काम कर देती हे , जो की जानकारी लेने के बाद ही काम करती हे । बिना जानकारी के कंप्यूटर कोई बी काम नहीं कटा हे ।कंप्यूटर एक जिसका हम नाम सुन रहे आज ये एक लैटिन सब्द से लिया गया हे और वो सब्द हे लातिनारे से ।
यहाँ हम कंप्यूटर को कैसे निर्देश दे सकते हे ? हाँ अपने सही पढ़ा कंप्यूटर को निर्देश देने केलिए कुछ प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता हे जैसे की हम लिख के दे सकते हे , लिख के देने केलिए हमें शब्दों , संख्या , कुछ कोड होते हे जो की कंप्यूटर की भासा हे जिसको बैज्ञानिकों ने बनाया हे । और आज के समय में कंप्यूटर इतना एडवांस हो गया हे की हम बोलके के दे सकते हे यानि आवाजों से दे सकते हे और बी ढेर साडी तरीका हे जिसमे हम अपना निर्देश दे सकते हे ।
एक कंप्यूटर का मुख्यतः 3 काम होते हे पहले डाटा को लेना जिसे हम Input कहते हे , दुरसा काम के डाटा को सही से पढ़ के क्या करना हे और क्या नहीं करना निर्णय लेना जिसे हम Processing कहते हे और आखिर में डाटा को पढ़ के जो काम करना हे वो काम करके हमें हमारा रिजल्ट दे देता हे जिसे हम Output कहते हे ।
Computer का फूल फॉर्म क्या हे ?
C : Commonly
O : Operated
M : Machine
P : Particularly
U : Used For
T : Technical And
E : Educational
R : Research
यहाँ आपको एक बात बाटाडू कंप्यूटर का कोई सठिक फूल फॉर्म नहीं हे बस काल्पनिक तरीके ऊपर बताया हाय हे । अगर आप इसी हिसाब से अगर इंग्लिश से हिंदी परिबर्तित करते हए तो आपका रिजल्ट कुछ ऐसे आएगा आम ऑपरेटिंग मशीन बिसेस रूप से ब्यापार , सिख्या और अनुसन्धान केलिए इस्तमाल किया जाता हे । ऍंगरेजी में Commonly Operated Machine Particularly Used For Technical And Educational Research
कंप्यूटर का इतिहास – History of Computer in Hindi
आधुनिक कम्प्यूटर यानि आज के समय में जो आप इस्तमाल कर रहे हे वो सब इतिहास की देन हैं. जिसकी शुरुआत ईसा पूर्व ही हो चुकी थी. जब चीनियों ने अबेकस का आविष्कार किया. इसके बाद विभिन्न प्रकार के स्वचालित मशीने अस्तित्व में आई. और चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया गया स्वाचालित इंजन आज के कम्प्यूटर का आधार बना.
Abacus दुनिया का पहला गणना यंत्र था जिसके द्वारा सामान्य गणना (जोडना, घटाना) की जा सकती थी ।अबेकस का आविष्कार लगभग 2500 वर्ष पूर्व (इसका सही-सही समय ज्ञात नहीं हैं) चीनीयों द्वारा किया गया । यह यंत्र 17वीं शताब्दी तक गनना करने का एक मात्र उपकरण बना रहा । 1017 में John Napier ने अपनी किताब “Rabdology” में अपने गणितीय उपकरण का जिक्र किया. जिसका नाम “Napier’s Bones” था. इस डिवाइस का उपयोग उत्पादों की गणना तथा भागफल ज्ञात करने के लिए किया जाता था. इस डिवाइस में गणना करने के लिए इस्तेमाल होने वाली विधि को ‘रेब्दोलॉजी’ कहा जाता था । इस डिवाइस द्वारा जोडना, घटाना, गुणा, भाग भी किये जा सकते थे.
John Napier के आविष्कार के कुछ साल बाद (1620 के आसपास) ही माननीय William Oughtred ने “Slide Rule” का आविष्कार कर लिया । इसके द्वारा गुणा, भाग, वर्गमूल, त्रिकोणमीतिय जैसी गणनाएं की जा सकती थी. मगर जोड तथा घटाव के लिए कम इस्तेमाल किया हुआ । 1642 में माथ 18 वर्ष की अल्पायु में फ्रेंच वैज्ञानिक और दार्शनिक ने पहला व्यवहरिक यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया । इस कैलकुलेटर का नाम “पास्कालिन” था. जिसके द्वारा गणना की जा सकति थी । फिर 1671 में पास्कालिन में सुधार करते हुए एक एडवांस मशीन ‘Step Reckoner’ का आविष्कार हुआ. जो जोडने, घटाने के अलावा गुणा, भाग, वर्गमूल भी कर सकती थी ।
Gottfried Wilhelm Leibniz द्वारा विकसित इस मशीन में भंडारण क्षमता भी थी । Binary System भी इन्ही के द्वारा विकसित किया गया. जिसे एक अंग्रेज ‘George Boole’ ने आधार बनाकर 1845 में एक नई गणितीय शाखा “Boolean Algebra” का आविष्कार किया । आधुनिक कम्प्यूटर डाटा संसाधित करने और तार्किक कार्यों के लिए इसी बाइनरी सिस्टम और बुलीन अल्जेब्रा पर ही निर्भर रहते हैं । 1804 में फ्रेंच के एक बुनकर ‘Joseph-Marie-Jacquard’ ने एक हथकरघा बनाया. जिसका नाम ‘Jacquard Loom’ था । इसे पहला ‘सूचना-संसाधित’ डिवाइस माना जाता हैं.
और इस डिवाइस के आविष्कार ने साबित कर दिया कि मशीनों को मशीनि कोड द्वारा संचालित किया जा सकता था । 1820 में फ्रांस के ‘Thomas de Colmar’ ने “Arithmometer” नामक एक नई गणना मशीन बनाई । जिसके द्वारा गणित के चार बुनियादी कार्य जोडना, घटाना, गुणा, भाग किये जा सकते थे । मगर द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इस मशीन का विकास रुक गया । आधुनिक कम्प्यूटर के पितामह माननीय ‘Charles Babbage’ ने 1822 में “बहुपदीय फलन” का सारणीकरण करने के लिए एक स्वचालित यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार किया ।
इस कैलकुलेटर का नाम “Difference Engine” था । यह भाप द्वारा चलती थी और इसका आकार बहुत विशाल था । इसमे प्रोग्राम को स्टोर करने, गणना करने तथा मुद्रित करने की क्षमता थी । इस इंजन के लगभग एक दशक बाद 1833 में “Analytical Engine” डिजाइन किया । इस इंजन को ही आधुनिक कम्प्यूटर का शुरुआती प्रारुप माना जाता हैं. इसलिए ही “चार्ल्स बैबेज” को कम्प्यूटर का जनक कहा जाता हैं । इस मशीन मे वे सभी चीजे थी जो मॉडर्न कम्प्यूटर में होती है.
Analytical Engine में Mill (CPU), Store (Memory), Reader and Printer (Input/Output) का काम कर रहे थे । अब आधुनिक कम्प्यूटर की नींव रखी जा चुकी थी ।
कंप्यूटर का अबिस्कर
Charles Babage को कंप्यूटर का अबिस्कारक कहा जाता हे पर सही तर पे ऐसा कही नहीं दर्ज हे की कंप्यूटर को किसने बनाया था , कंप्यूटर को बनाने केलिए बोहोत सरे बैज्ञानिकों का साथ हे पर Charles Babage ने सबसे पहले 1837 में सबसे फेल Analytical Machine बनायीं थी जो की एक बड़ी अहम् चीज थी कंप्यूटर की जिसके वजह से उनको ही माना जाता हे कंप्यूटर का अबिस्कारक ।
इसके बाद कम्प्यूटर ने तेजी से विकास किया. और नई-नई तकनीकों का आविष्कार किया गया. जिसके कारण कम्प्यूटर विशाल कमरे से बाहर निकलकर हमारे हाथ में समा गया. इस विकास क्रम को पीढीयों में बांटा गया है. जिसक वर्णन इस प्रकार हैं.
कंप्यूटर की पीढ़ियां – Generation of computer in hindi
कंप्यूटर की पड़िहियाँ की अगर बात किया जाये तो जैसे जैसे कंप्यूटर बिकसित हुआ उसीके हीअसब से कंप्यूटर कि पीढ़िया निर्धारित की गयी ।
कंप्यूटर की पीढ़ियां को मुख्या रूप से 5 हिस्सों में बता गया हे , आप निचे अच्छे से देख सकते हे
- पहली पीढ़ी – 1940-1956 ( Vaccum tube )
- दूसरी पीढ़ी – 1957-1963 ( Transistor )
- तीसरी पीढ़ी – 1964-1971 ( Integrated Circuts )
- पांचवी पीढ़ी – 1971-1985 ( Mircoprocessors )
- छथि पीढ़ी – 1985 से अभी तक ( Artificial Intelegenece )
चलिए इसके ऊपर पुरे बिस्तर रूप से जानते हे
पहली पीढ़ी – 1940-1956 ( Vaccum tube )
इसी जवने में कंप्यूटर का नया नया अबिस्कर किया गया था तब कंप्यूटर की आकर बोहोत बड़ी हुआ करती थी और तबकी कंप्यूटर को चलने में बोहोत ऊर्जा बी लग रहे थी , और गर्मी के कारन कंप्यूटर की बोहोत सरे छोटी छोटी चीजे पिगल बी जा रही थी ।
उसी वक्त में Vacuum Tube पर निर्भर Paper Tap, Magnetic Tap का इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस के रूप में प्रयोग निर्देश के लिए मशीनी भाषा का प्रयोग Magnetic Drums का उपयोग मेमोरी के लिए किया जाता था ।
दूसरी पीढ़ी – 1957-1963 ( Transistors )
जैसे जैसे पढ़ी आगे बढ़ती गयी कंप्यूटर का बिकसित हो रहा था जिसके वजह से कॉम्पटर की ख्यामता बढ़ रही थी और साथ ही साथ उसकी आकर बी घाट रही थी ।
इसी दूसरे पीढ़ी में Vaccum tubes के बदले Transistors का इस्तमाल किया गया , Transistors , Vaccum Tubes के तुलना में आकर से काम था और साथ ही साथ उसकी speed बी बोहोत थी , और चलने में पहले पीढ़ी के कंप्यूटर के तुलना से काम सकती ( Energy ) बी लग रही थी जिसके वजह से इसी पीढ़ी से कंप्यूटर का इस्तमाल Advancce कामों और कोडन में ब्यबहार करना सुरु कर दिए थे ।
तीसरी पीढ़ी – 1964-1971 ( Integrated Circuts )
तीसरे पीढ़ी का नाम से आपको पता चल जा रहा होगा की इंटीग्रेटेड मतलब बोहोत ही आधुनिक तरीका से बनाया गया होगा कंप्यूटर को । यहाँ ईसिस पीढ़ी में जितने बी Integrated circuts थे सबको छोटे छोटे चिप के अंदर दाल के कंप्यूटर के अंदर सेट कर दिया गया जिसके वजह से कंप्यूटर की काम करने की सकती बोहोत बढ़ गयी और इसका आकर बोहोत ही काम हो गया ।
पांचवी पीढ़ी – 1971-1985 ( Mircoprocessors )
जैसे जैसे समय आगे बढ़ते गया वैसे वैसे कंप्यूटर को और डेवलप किया गया और यहाँ Integrated circuts को फिर से और छोटी चिप में डालके कंप्यूटर के अंदर फिक्स किया गया ताकि कंप्यूटर की आकर को घटा सके और लगने वाली ऊर्जा को काम किया जा सके ।
छथि पीढ़ी – 1985 से अभी तक ( Artificial Intelegenece )
हमारे सामने जो आज आप जो कंप्यूटर देख रहे हे ये सब पांचवी पीढ़ी का दें हे यानि तब से Artificial Intelegence का इस्तमाल सुरु कर दिया गया था । जिसे धीरे धीरे और थोड़ा थोड़ा करके बिकसित करके आज के दौर में Voice recognization , fingerprint scanner , Eye scanner , ऐसे ढेर साडी चीजे लायी गयी ।
कंप्यूटर की परिभासा
आज के समय की Advanced कंप्यूटर की अगर बात करू तो ढेर सरे चीजे आएगी और उनमे से जो सबसे बड़ी अहम् चीज हे वो हे सब Input Device , Output Device , CPU ( Central Processing Unit ) , Mass Storage Device और Memory .
Input | Accepts Data |
Processing | Process Data |
Output | Produce Output |
Storage | STore Result |
कंप्यूटर काम कैसे करता हे – How does computer work in hindi
एक जटिल मशीन हैं जो विभिन्न उपकरणों और निर्देशों से मिलकर बना होता हैं. मगर जितनी जटिल कम्प्युटर की संरचना होती हैं उतनी ही सरल कम्प्युटर की कार्यप्रणाली (Functionality of Computer in Hindi) होती हैं ।
आप जितने बी कंप्यूटर देख रहे हे सभी प्रकार के कम्प्युटर एक खास कार्यप्रणाली से अपना काम पूरा करते हैं और इनका कार्य करने का तरीका सभी कम्प्युटरों में एक समान ही रहता हैं. कम्प्युटर किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए तीन आधारभूत कार्य करता हैं.
- Input
- Process
- Output
Input : Computer कोई भी कार्य अपने आप नही कर सकता हैं. वह पहले User से Input लेता हैं. उसके बाद Input के आधार पर अगला कदम बढाता हैं. अब सोच रहे होंगे कि Input क्या होता हैं ? Input, किसी कार्य से संबंधित निर्देश या डाटा होता हैं. जिसे keyword , Mouse , Scanner, Light Pen आदि द्वारा Input किया जाता हैं
Process : Input लेने के बाद कंप्यूटर उसी डाटा को अपने अंदर stroge में रखता हे और जो दिया गया निर्देश हे उसे पड़ता हे और फिर उसी निर्देश के मुताबिक जो काम दिया गया था उसे तैयार करता हे उसे Process या Processing कहते हे ।
Output : ये वो स्टेप हे जहाँ कंप्यूटर ली गयी डाटा को पढ़ के उसका बताया गया होगा काम को करके आपके सामने रखता हे उसी को Output कहते हे । हम हमारे output हमारे मॉनिटर यानि स्क्रीन पे देख सकते हे ।
कंप्यूटर के प्रकार -Types of computer hindi
यहाँ हम कंप्यूटर की प्रकार की बात करे तो कंप्यूटर की आकर , ब्यबहार और उद्देश्य के हिसाब से कंप्यूटर को मुख्यतः 3 हिस्सों में बता गया हे जैसे की आप निचे देख सकते हे
- आकर के हिसाब से Micro computer
Mini computer
Work Station
Mainframe Computer
Super computer - ब्यबहर के ऊपर
Analog computer
Digital Computer
Hybrid Computer - उद्देश्य के ऊपर
General purpose Computer
Special purpose computer